भारतिय आदिवासीयों की स्थिती और मौजूदा बदलाव – सामाजिक अध्ययन
Keywords:
Tribals, Social-economic issues, Indian TribalsAbstract
स्वतंत्र गोंडवाना राज्य को इ.स 1818 में ब्रिटिश सरकार द्वारा जीते जाने से नए भारत के निर्माण तक आदिवासी आशिया खंड में अपना जीवन यापन खुद पर निर्भर होकर कर रहे थे| आदिवासी अपने स्वतंत्र अस्तित्व के लिए बीच बीच में युद्ध स्वरूप स्थिति निर्माण करके अपने स्वतंत्र अस्तित्व के लिए प्रयत्न रथ थे | कठोर परिश्रम से जीवन सुखमय करने में लगे रहते थे| स्वयं प्रशासन की उम्मीदें टूटती नजर आने लगी है |
इ.स 1947 मैं बैरिस्टर मोहनदास गांधी ने ब्रिटिश सरकार को स्वतंत्रता मांगने के लिए एक संघर्ष यात्रा शुरू की ' चले जाओ' का नारा लगाया फिर भी ज्यादा से ज्यादा 150 साल अंग्रेज इस खंड पर राज करते रहे| युद्ध में अंग्रेजो की पराजय हुई उनकी माली हालत खस्ता होने लगी फिर जाकर इस भूभाग ओं को प्रथम राष्ट्रीय कांग्रेस को गांधी के द्वारा प्रशासन 1950 को सौंप दिया गया| आदिवासियों को अपने राज्य पाठ से काम था| फिर भी अपना गोंडवाना वापस लेने के लिए संघर्ष जारी रखा इसमें गोंड राजाओं ने बलिदान दिया|
Downloads
Downloads
Published
How to Cite
Issue
Section
License
Copyright (c) 2022 Dr. Harshda Patel
This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial 4.0 International License.